Jolly Uncle - Motivational Writer

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Thursday, April 15, 2010

प्यार किये जा - 1

वीरू बंसन्ती से - आजकल रात को नींद में मुझे बहुत ही अजीब-अजीब सपने दिखाई देने लगे है। कभी मैं चांदनी चौक के बाजार में तुम्हारे लिये साड़ीयां खरीद रहा हूँ, कभी मैं कनाट प्लेस में तुम्हारे लिये गहने खरीद रहा हूँ।
बंसन्ती - है भगवान काश मेरे पति जागते हुए भी कभी ऐसा ही सोचते तो कितना अच्छा होता।

पति - पागलों के अस्पताल में डॉक्टरी करते-करते मैं भी आधा पागल हो गया हूँ।
पत्नी - जिंदगी में कभी कोई काम पूरा भी कर लिया करो।

मिश्रा जी की पत्नी को किक्रेट मैच देखने का बहुत शौंक है। एक दिन वो बड़ी ही मस्ती से मैच देख रही थी। मिश्रा जी अंदर से तैयार होकर आये और बीवी से पूछा कि मैं कैसा लग रहा हूँ?
उनकी बीवी ने मैच देखते-देखते जोर से चीख कर कहा - छक्का।

बंसन्ती - आज मेरे पति ने मेरी बहुत पिटाई कर दी।
रेखा - क्यूं तूने ऐसा क्या कर दिया।
बंसन्ती - कुछ नही मैने तो केवल इतना ही पूछा था कि ''कमीने'' फिल्म देखने चल रहे हो क्या?

रेखा बंसन्ती से - तुम मेहमानों के सामने अपने पति को 'ऐ जी' 'ओ जी' कह कर क्यूं बुलाती हो?
बंसन्ती - मेरी मौसी ने समझा कर भेजा था कि अकेले में चाहे पति को कुछ भी कह लो, परन्तु मेहमानों के सामने कभी भी पति को ऐ गधे या ओ गधे नही कहना।

वीरू डॉक्टर से - डॉक्टर साहब मुझे एक बहुत ही अजीब सी बीमारी हो गई है। मेरी पत्नी कुछ भी बोलती रहे, मुझे कुछ सुनाई नही देता।
डॉक्टर - मेरे भाई, इसको बीमारी नही, भगवान की देन समझो। तुम बहुत नसीब वाले हो, जो तुम्हे ऐसी नैमत मिली है।

बंसन्ती वीरू से - यह गर्ल-फै्रंड बाव्य-फै्रंड क्या होता है?
वीरू - कुछ नही, बस एक लड़का और एक लड़की होते है। लड़की हर समय मुस्कराहती रहती है और लड़का बेवकूफों की तरह पैसे खर्च करता रहता है।


एक बार एक लड़की ने नदी में कुछ सिक्के डाले और भगवान से अपनी शादी के लिए एक अच्छे से लड़के की मांग की। भगवान के आर्शीवाद से कुछ दिनों में ही उस की शादी एक बदसूरत से लड़के से हो गई। जब लड़की ने इस बारे में भगवान से शिकायत की तो जवाब आया कि इतने पैसो में तो ऐसा लड़का ही मिल सकता था।

जय वीरू से - शादी के बारे में तेरे क्या विचार है?
वीरू - शादी तो सिर्फ बरबादी है, मैं तो सारी उम्र कभी भी शादी नही करूगा, और अपने बच्चो को भी समझा कर जाऊगा कि कभी भी जीवन में शादी मत करना।
 
वीरू बंसन्ती से - मैं जब भी नाहता हूँ, सारे का सारा गीला हो जाता हूँ।
बंसन्ती - अगली बार से तुम जब भी नहाने जाओ, नलका बंद करके नाहना, फिर ऐसा नही होगा।
 
एक दिन हमारे वीरू साहब दारू पीकर घर गये। इनकी बीवी गुस्से में झाड़ू लेकर खड़ी थी कि आज इनकी अच्छी तरह से खबर लेनी पड़ेगी।
वीरू घर पहुंचते ही बड़े प्यार से बोले.........डर्लिग क्या बात आज अभी तक तुम्हारा काम खत्म नही हुआ?
 
वीरू एक दिन काम पर जा रहा था कि बंसन्ती ने पीछे से आवाज दे कर उसे बुला लिया।
वीरू ने उसे डांटते हुए कहा - तुम्हें कई बार समझा चुका हूँ कि कभी भी पीछे से आवाज नही लगाते।
बंसन्ती - अब एक बात बताओ, यदि मैं तुम्हारे आगे ही चलूंगी तो मुझे आवाज लगाने की जरूरत ही क्या है?
 
रेखा बंसन्ती से - तुम आये दिन अपने पति से इतने पैसे कैसे निकलवा लेती हो?
बंसन्ती - कुछ नही, जब भी मुझे पैसे चहिये होते है, मैं थोड़ा नाराज हो कर कहती हूँ कि मैं आज मायके जा रही हूँ। यह झट से खुश होकर किराये के पैसे दे देते है।
 
बंसन्ती ने अपने पति वीरू से कहा कि तुम शादी के बाद बहुत मोटे होते जा रहे हो, सुबह उठ कर थोड़ी सैर किया करो।
वीरू ने जवाब में कहा कि तुम मुझे तो मोटा-मोटा कह रही हो, खुद तो तुम मेरे भी अधिक मोटी होती जा रही हो।
बंसन्ती ने कहा कि मैं तो मां बनने वाली हूँ, इस लिये मोटी हो गई हूँ। यह सुनते ही वीरू तपाक से बोला कि मैं भी तो बाप बनने वाला हूँ।
 
वीरू बंसन्ती से - मुझे लग रहा है कि मुझे बर्ड फलू हो गया है।
बंसन्ती - तुम्हें कैसे पता?
वीरू - जब से मुझे बुखार हुआ है, मेरा बार-बार उड़ने को दिल कर रहा है।
 
वीरू जय से - शादी किस उम्र तक करनी चहिये?
जय - शादी तो सही समय पर ही हो तो अच्छा रहता है।
वीरू - सही समय कब होता है?
जय - जब तुम्हारी शादी हो जाये।
 
डॉक्टर बंसन्ती से - अपने बच्चे को हर बार ऊबाल कर दूध और पानी पिलाया करो।
बंसन्ती - डॉक्टर साहब, बार-बार ऊबालने से मेरा बच्चा मर तो नही जायेगा।

 
पूजा रेखा से -सुना है, तुम एक और शादी कर रही हो।
रेखा - हा बहन क्या करू, पहले पति भगवान को प्यारे हो गए और दूसरे पड़ोसन को।

 
बंसन्ती वीरू से - रात को एक चोर हमारे घर आया था, मुझे एक 'किस' करके भाग गया।
वीरू - तुमने उसे रोका क्यूं नही?
बंसन्ती - मैने तो उसे बहुत रोकने की कोशिश की थी, वो कह रहा था कि फिर कभी आऊगा।
 
एक बार बंसन्ती के कुत्ता रखने की जिद से वीरू बाजार गया और एक कुत्ता पसन्द कर लिया, दुकानदार ने कुत्ते के  5000/-रुपए मांगे।
वीरू - आखिर तुम कुत्ता रखना क्यों चाहती हो
बसंन्ती - पड़ोसियों के घर से सुबह कुत्ते के भौंकने की कितनी अच्छी आवाज आती है।
वीरू - कल से मै सुबह-सुबह उस कुत्ते की तरह भौंक दिया करूँगा, पर अब तुम घर चलो।

 
भिखारी बंसन्ती से - बेटी दो रूप्ये देती जा, भगवान तेरा सुहाग     साल तक बनाये रखे।
बंसन्ती - गुस्से से, अब तो तुम्हें एक पैसा भी नही दूंगी।

 
जय वीरू से - शादी के समय दुल्हे के साथ इतने बराती क्यूं जाते है।
वीरू - बड़े-बर्जुग समझा गये है, कि किसी की खुशी में जाओ या न जाओ, लेकिन मुसीबत की घड़ी में जरूर साथ निभाना चहिये।
 
एक बार वीरू के बेटे ने वीरू से पूछा कि आपने अपनी नई कार पर हर तरफ मम्मी का नाम क्यूं लिखवाया है, जबकि सब लोग तो गाड़ी पर अक्सर अपने बच्चो का नाम लिखवाते है।
वीरू ने उसे बड़े ही प्यार से बताया - क्योकि हमारी कार भी तेरी मम्मी की तरह कभी भी काबू से बाहर हो जाती है।
 
जय वीरू से - जब तुम बंसन्ती को दिल से नही चाहते थे, तो उससे शादी क्यूं की?
वीरू - वो मेरी मजबूरी थी।
जय - कैसी मजबूरी?
वीरू - मैने उससे वादा किया था कि मैं उसके लिये दुनियां के सारे दुख और तकलीफे झेल सकता हूँ।
 
वीरू दारू के नशे में अपनी बीवी से - तुम मेरी जिंदगी हो। तुम मेरी जिंदगी हो।
बीवी - चिल्लाते हुए, अब इससे आगे भी तो कुछ बोलो।
वीरू - अब आगे क्या कहूं, लानत है ऐसी जिंदगी पर।
 
रेखा रूबी से - जो आदमी गलती करके झट से मान ले उसे क्या कहते है?
रूबी - उसे तो अक्कलमंद कहते है।
रेखा - जो बिना गलती किये ही अपनी गलती मान ले, फिर उसे क्या कहोगे?
रूबी - उसे तो केवल ''हंसबैंड'' ही कह सकते है।
 
बंसन्ती वीरू से - तुम शादी के बाद बिल्कुल बदल गये हो।
वीरू - मैने तो तुम्हें शादी से पहले ही बताया था कि मुझे शादी शुदा औरते बिल्कुल अच्छी नही लगती।

 
पति पत्नी से - तुम्हारी गर्दन पर एक बहुत ही अजीब सी चीज लगी हुई है, जिसे देख कर मुझे बहुत डर लगता है।
पत्नी - ऐसा क्या लगा हुआ है?
पति - तुम्हारा मुंह।
 
अच्छे पति में क्या-क्या खूबीयां होनी चहिये :
एक अच्छा दोस्त, अच्छा साथी, अच्छा प्रेमी, अच्छा ड्राईवर, अच्छा पल्मबंर, अच्छा मकैनिक, घर को ठीक से संवार सके, अच्छा श्रोता हो ताकि बीवी कुछ भी बोले सब कुछ शंति से सुन सके, समय-समय पर हंसी मजाक कर सके, हर गलती को बर्दाशत कर सके, इसी के साथ बिल्कुल सच बोलने वाला और ईमानदार होना जरूरी है।
 
बसंन्ती वीरू से - तुम मुझे कितना प्यार करते हो।
वीरू - शहांजहां से भी अधिक।
बंसन्ती - इसका मतलब तुम भी मेरे लिये ताजमहल बनवाओगे।
वीरू - मैने तो कब से प्लाट भी खरीद कर रखा हुआ है, अब देरी तो तुम्हारी तरफ से ही है।
 
पति पत्नी से - वो देखो सामने खड़ी खूबसूरत लड़की मुझे स्माईल दे रही है।
पत्नी - वो तुम्हें स्माईल नही दे रही। जब मैने भी तुम्हें पहली बार देखा था तो मेरी भी हंसी झूठ गई थी।
 
वीरू जज साहब से - मुझे हर हालत में अपनी बीवी से तलाक चहिये।
जज - लेकिन तलाक लेने का कोई कारण तो होगा?
वीरू - इसने पिछले   साल से मेरे से एक बार भी मेरे साथ बात नही की।
जज - एक बार फिर सोच लो, ऐसी बीवी जिंदगी में दोबारा नही मिल सकती।
 
एक चूहा शेरनी से बोला कि क्या तुम मुझ से शादी करोगी?
शेरनी बोली - अपनी औकात तो देखो?
चूहा - औकात की बात छोड़, तू मेरा आत्मविश्वास तो देख।
 
वीरू ने अपनी शादी से पहले कार खरीदने के लिये बैंक से कुछ कर्ज लिया। किसी कारणवश वो बैंक की किश्त नही उतार सका, तो एक दिन बैंक वाले आकर उसकी कार उठा कर ले गये। वो रोते-चिल्लाते हुए बोला काश मुझे पता होता तो मैं कार की जगह अपनी शादी के लिये कर्ज ले लेता।
 
पत्रकार एक फैक्ट्री मालिक से - आप सदैव अपनी फैक्ट्री में विवाहित लोगो को ही नौकरी पर क्यूं रखते है।
फैक्ट्री मालिक - विवाहित लोग बहुत लगन के साथ काम करते है, और किसी भी प्रकार के गुस्से, गालीयों और बेईज्जती का बुरा नही मानते।
 
हैप्पी सिंह अपनी पत्नी जस्सी के साथ जैसे ही रेलवे स्टेशन पर पहुंचे तो उनकी गाड़ी जा चुकी थी।
हैप्पी सिंह - तुम अगर थोड़ा जल्दी तैयार हो जाती तो हम यह गाड़ी बड़े ही आराम से पकड़ सकते थे।
जस्सी - अगर हम थोड़ा और देरी से आते तो हमें अगली गाड़ी के लिये कम इंन्तजार करना पड़ता।
 
जय वीरू से - तुम्हारे जीवन के क्या-क्या ख्वाब है?
वीरू - मेरे तो सिर्फ   ख्वाब है : 1)भगवान मुझे इतना खूबसूरत बना दे, जितना हर मां अपने बेटे को समझती है। २)भगवान मुझे इतना अमीर बना दे, जितना हर बेटा, अपने बाप को समझता है। ३) भगवान मुझे इतनी सारी गर्ल-फेंन्ड दे, जितनी हर बीवी अपने पति पर शक करती है।
 
एक बार एक पति-पत्नी तलाक के लिये कहचरी गये और जज से बोले हम तो सिर्फ बच्चो के लिये ही साथ-साथ रह रहे है। वरना हमारे लिये तो एक पल भी इस घर में गुजारना मुशकिल है।
जज - मुझे बहुत खुशी हुई कि आप दोनों को अपने बच्चो का कितना ख्याल है।
पति-पत्नी दोनों एक साथ बोल पड़े - जज साहब आप को गलती लग रही है, असल मे हम दोनो ही बच्चे अपने पास नही रखना चाहते।
 
बसंन्ती वीरू से - तुम्हें नही लगता कि तुम गाड़ी बहुत तेज चला रहे हो।
वीरू - क्या तुम यह नही जानती कि भगवान ने हमारी हिफाजत के लिये सब जगह फरिशते तैनात किये हुऐ है।
बंसन्ती - लेकिन जिस तेजी से तुम जा रहे हो, वो फरिश्ता तो बहुत पीछे छूट गया है।
 
एक बार एक व्यापारी को अपने व्यापार के सिलसिले में विदेश जाना पड़ा। जाते समय ही उसकी बीवी ने सामान की एक लंम्बी सी लिस्ट पकड़ा दी। ंसिगापुर से बच्चो के लिये बढ़ियॉ से खिलोने, दुबई से मेरे लिये सुन्दर गहनें, लंदन से खुशबूदार परफूयम और पैरिस से बढियॉ वाली डै्रस लेते आना।

व्यापारी ने चिढ़ते हुए कहा वापिस आते समय मैरा दो दिन नर्क में भी रूकने का कार्यक्रम है, क्या वहां से भी कुछ लाना है तो बता दो।
बीवी - वहां से अपनी वीडीयों फिल्म बनवा कर ले आना, हम सब तुम्हे नर्क में देख कर बहुत खुश होगें।
 
रेखा बंसन्ती से - क्या बात बहुत गुस्से में लाल-पीली हो रही हो?
बंसन्ती - मैं कल जब मायके से वापिस आई तो मेरे पति वीरू पड़ोसन के साथ सोफे पर बैठ कर गप्पे मार रहे थे। जबकि मैने अपने पति को आने से पहले एस.एम.एस. भी भेजा था।
रेखा - इसमें बुरा मानने की क्या बात है, कई बार एस.एम.एस. ठीक से नही भी मिलता।
 
एक बार चमकू ने बहुत सालों तक लगातार भक्ति की, तो भगवान खुश हो कर बोले बेटा जो कुछ मांगना चाहो मांग लो, हम तुम्हारी तपस्या से बहुत खुश है।
चमकू - महाराज बस मुझे एक वरदान दे दो, कि मैं अपनी बीवी के दिल का हाल जान सकूँ।
भगवान - इस काम में तुम तो क्या आज तक कोई देवता भी सफल नही हो सका।
 
रेखा अपनी मम्मी से - मैं जिस फिल्म में काम कर रही हूँ, उसका हीरो और विलेन दोनों ही मुझ से शादी करना चाहते है। अब आप ही बताओ कि मैं किस के साथ शादी करू।
मम्मी - कुछ देर सोचने के बाद, तू विलेन से ही शादी करना, क्योंकि उसे चाहे कितनी ही गालीयां दे दो, जूते-चपलो से पिटाई कर दो, फिर भी हर समय हंसता ही रहता है।
 
पत्नीयॉ अपने पति को शादी के बाद किस-किस तरह से बुलाती है?
पहले साल - हॉय जानू कैसे हो?
दूसरे साल - ऐ जी, ओ जी।
तीसरे साल - अजी सुनते हो।
चोथे साल - मुन्ना के पापा कहां हो?
पांचवे साल - ओ कहां मर गये हो, इतनी देर से मुन्ना तुम्हारी जान को रो रहा है।
 
वीरू जय से - आदमी के जीवन में परेशानी कब-कब आती है?
जय - सिर्फ दो बार, एक बार विवाह से पहले और दूसरी बार विवाह के बाद।
 
वीरू बंसन्ती से - ऐसी कौन सी जगह है जहां अमीर से अमीर आदमी भी कटोरी लेकर मांगता है।
बंसन्ती - गोलगप्पे की दुकान पर।

 
एक दिन खड़क सिंह एक दवा की दुकान पर गया और खुदकशी करने के लिये जहर की शीशी मांगने लगा।
दुकानदार - हम तुम्हें मरने के लिये जहर नही दे सकते।
खड़क सिंह - परेशान होकर जाने लगा तो उसके हाथ से उसकी शादी का प्रमाण-पत्र गिर गया।
दुकानदार ने उसे देखते ही कहा, कि आपने यह तो बताया नही कि आपके पास तो बहुत बड़े डॉक्टर की पर्ची है।
 
बिल्लो रानी डॉक्टर से - जरा मेरे पति मुरारीलाल को देखो, इन की पीठ में बहुत दर्द है, सारी रात ठीक से सो नही पाये।
डॉक्टर - चैक-अप करने के बाद, मुझे तो इनकी पीठ से ज्यादा तो दिल में हार्ट-अटैक जैसी दिक्कत नजर आ रही है।
बिल्लो रानी - वो तो आपकी फीस सुन कर शुरू हो गया होगी।
 
बंसन्ती वीरू से - देखो हमारी रसोई में चोर घुस आया है, और वो वहां बैठ कर कितने आराम से खाना खा रहा है।
वीरू - मुझे बताओ कि अब मैं पहले पुलिस को बुलाऊया डॉक्टर को?
 
रेखा पारो से - सुना है, आज तुम्हारे पति जेल से छूट कर आ रहे है।
पारो - मैं तो खुद इनसे परेशान हो गई हूँ, न तो यह चैन से घर में टिकते है न ही जेल में।
 
पत्नी - तुम्हारे लिये तो मैं जैसे कुछ है ही नही, तुम्हारी जिंदगी में तो सब कुछ पैसा ही है।
पति - तुम क्या जानो, सब कुछ पैसे पर ही टिका है, यह घर, सारा सामान सब कुछ।
पत्नी - इतना तो मैं भी समझती हूँ, क्योकि मैं भी पैसे की वजह से ही टिकी हुई हूँ।

 
रेखा मीरा से - तुम्हारा बेटा बंटी तो बहुत गंन्दी-गंन्दी गालीयॉ देने लग गया है।
मीरा - अभी तो वो बेचारा बहुत छोटा और बिल्कुल न समझ है, जैसे ही थोड़ा बड़ा हो जायेगा, वो अच्छी-अच्छी गालीयॉ भी सीख लेगा।
 
दीवाना मस्ताने से - भगवान का दिया हुआ तेरे पास सब कुछ है, अच्छी नौकरी, बढ़ियॉ कार, सुंन्दर कोठी, तूने फिर भी अब तक शादी क्यूं नही की।
मस्ताना - लगता है, तूने वो कहावत नही सुनी - जाको राखे साईयॉ मार सके न कोए।